अमेरिका ने क्या समझौता किया 9/11 हमले के मास्टरमाइंड आरोपियों के साथ, नाखुश हैं पीड़ित परिवार.
अमेरिका पर इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला 9/11/ 2001 को हुआ था. अमेरिका को इतना बड़ा नुकसान कभी नहीं हुआ. 9/11 के हमले 1941 में हवाई के पर्ल हार्बर पर जापानी हमले के बाद से अमेरिकी धरती पर सबसे घातक हमला था, जिसमें 3000 लोग मारे गए थे.9/11 का जिक्र इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने इस हमले के तीन आरोपियों के साथ समझौता कर लिया है. पहला आरोपी है- खालिद शेख मोहम्मद, दूसरा वालिद मोहम्मद सलीम मुबारक बिन अताश और तीसरा है मुस्तफा अहमद अल हवसावी. खालिद शेख मोहम्मद को 9/11 के हमले का मास्टरमाइंड कहा जाता है.
अब आप सोच रहे होंगे कि अमेरिका ने ये समझौता क्यों किया तो बता दें कि इस समझौते में यह कहा गया है कि यह तीनों आरोपी अदालत में अपना आरोप स्वीकार करेंगे और इसके बदले में सरकारी वकील उनकी मौत की सजा नहीं मांगेंगे. क्योंकि जो आरोप इन तीनों हाईजैकर्स पर लगे हैं, उसमें मौत के सजा के प्रावधान है.
- अमेरिका के वाइट हाउस ने इस फैसले को लेकर अभी तक कुछ नहीं कहा है.
- खालिद शेख मोहम्मद ने ओसामा को अमेरिका पर हमले करने के लिए इसी ने तैयार किया था.
- वालिद मोहम्मद सलीम मुबारक बिन पर आरोप हे की इसने अमेरिका के प्लेन की टाइम टेबल की जानकारी दी थी.
अमेरिका के वाइट हाउस ने इस फैसले को लेकर अभी तक कुछ नहीं कहा है.
इस समझौते को लेकर फिलहाल इतनी ही जानकारी अब तक सामने आई है. कहां जा रहा है इस समझौते के बारे में जानकारी उन लोगों को भेजी गई चिट्ठी से मिली है, जिनके परिवार वाले हमले में मारे गए थे.लल्लनटॉप के अनुसार 9/11 में मारे गए लोगों के परिवारों का एक संगठन बना हुआ है, जो कि इस फैसले से बेहद ना खुश है कि अमेरिका ने आरोपियों से ये डील साइन कर ली है. वहीं वाइट हाउस ने इस फैसले को लेकर अभी तक कुछ नहीं कहा है और दूरी बनाने की कोशिश की है और कहा है कि हमारा इसमें कोई रोल है.
खालिद शेख मोहम्मद ने ओसामा को अमेरिका पर हमले करने के लिए इसी ने तैयार किया था.
तीनों आरोपियों की बात करें तो खालिद शेख मोहम्मद को लेकर यह कहा जाता है कि ओसामा को अमेरिका पर हमले करने के लिए इसी ने तैयार किया था. पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हाईजैकर्स को ट्रेनिंग दी. सीआईए ने 2003 में खालिद को पाकिस्तान में पकड़ा 3 सालों तक पूछताछ की टॉर्चर किया. इसके बाद 2006 में उसे क्यूबा की जेल में भेज दिया गया. तब से वो वहीं पर बंद है.
वालिद मोहम्मद सलीम मुबारक बिन पर आरोप हे की इसने अमेरिका के प्लेन की टाइम टेबल की जानकारी दी थी.
वहीं दूसरे आरोपी वालिद मोहम्मद सलीम मुबारक बिन अताश ने दो प्लेन हाईजैकर्स को ट्रेनिंग भी दी थी. अताश पर अमेरिका के प्लेन की टाइम टेबल और उसकी हाईजैकिंग को लेकर आरोप लगे थे, जिसे 2003 में गिरफ्तार किया गया. वहीं तीसरा आरोपी मुस्तफा अहमद अल हवसावी पर प्लेन हाईजैकर्स को फंड दिलाने और एक देश से दूसरे देश में ट्रैवल करने में मदद करने के आरोप है.