प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा से दुनिया को बड़ी आशा, क्या दोनों युद्ध विराम करने में रहेंगे सफल.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा से दुनिया को बड़ी आशा , क्या दोनों युद्ध विराम करने में रहेंगे सफल.
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पोलैंड विजिट के बाद यूक्रेन की यात्रा पर निकलने वाले हैं. पीएम मोदी का यह दौरान रूस-यूक्रेन जंग के बीच हो रहा है, जबकि यह युद्ध अपने चरम पर पहुंच चुका है. मोदी की यूक्रेन यात्रा से दुनिया को उम्मीद है कि अब दोनों युद्ध समाप्त होने वाले हैं, चाहे वह इजरायल और हमास युद्ध ही क्यों न हो. दरअसल, पीएम मोदी ने हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की थी. ऐसे में दुनिया में चल रहे युद्धों को समाप्त कराने की दिशा में भारत सबसे आगे नजर आ रहा है. अब सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या भारत दुनिया में चले रहे दोनों जंग को समाप्त करा देगा?

16 अगस्त को इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की थी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 अगस्त को इजरायली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की थी. पीएम मोदी ने इस बातचीत की जानकारी खुद एक्स हैंडल पर साझा की थी. इस दौरान दोनों देशों के बीच पश्चिम एशिया की स्थिति पर चर्चा हुई थी. पीएम मोदी ने फोन पर बातचीत के दौरान बंधकों की रिहाई, युद्ध विराम और निरंतर मानवीय सहायता पर जोर दिया था. भारत विश्व के मंचों से लगातार बातचीत के जरिए युद्ध विराम की वकालत करता रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका से लेकर पुतिन तक सभी को साधने में लगे हैं,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूक्रेन दौरे के साथ ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अमेरिका दौरा 23 अगस्त को निर्धारित है. ऐसे में माना ये जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका से लेकर पुतिन तक सभी को साधने में लगे हैं, क्योंकि रूस-यूक्रेन जंग में अमेरिका यूक्रेन के साथ है. इसके अलावा इजरायल-हमास जंग में अमेरिका इजरायल की मदद कर रहा है. ऐसे में इन युद्धों को समाप्त कराने में सबको साथ लेकर जरूरी हो गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोलैंड पहुंचने पर कहा भारत युद्ध में नहीं बल्कि शांति में विश्वास रखता है.

बुधवार को पोलैंड पहुंचने पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया से शांति की अपील की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत बुद्ध की धरती है. भारत युद्ध में नहीं बल्कि शांति में विश्वास रखता है. ऐसे में भारत इस क्षेत्र में भी शांति की वकालत करता है. भारत का रुख स्पष्ट है कि यह युद्ध का नहीं बल्कि शांति का काल है. यह समय एकजुट होकर मानव जाति के लिए खतरा बन रही चुनौतियों से लड़ने का है.

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