जम्मूकश्मीर के गुलाम हसन मीर का परिवार जो हुआ उग्रवाद का शिकार है, बाप ने सुनाई बेटो के आतंकी बनने की कहानी.
पूरी दुनिया के लिए जम्मूकश्मीर जन्नत की तरह है. यहां खूबसूरत वादियों को देखने के लिए लोग पूरी दुनिया से आते हैं. इन सबके बीच आतंकवाद ने कश्मीर को पूरी तरह से प्रभावित किया है. हजारों युवा उग्रवाद का शिकार बने हैं. इन सबके के बीच जम्मू-कश्मीर के गुलाम हसन मीर का परिवार भी उग्रवाद का शिकार है. उनके पांच बच्चे हैं, इसमें तीन लड़के और 2 लड़कियां हैं. उन्होंने बताया कि उनके एक बेटे की मौत एनकाउंटर में हुई है. जबकि दूसरा बेटा पाकिस्तान भाग गया.
अपने बेटे उमर से उसका बाप कहना चाहता हे कि अगर जम्मूकश्मीर में हो तो सरेंडर कर दो.
अपने बेटे उमर को लेकर गुलाम हसन मीर ने द लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू को लेकर उन्होंने कहा, “2017 में वो जम्मूकश्मीर से भाग गया था. उसने हमें बताया था कि वो श्रीनगर टायर लेने गया था. वो सुबह घर से निकल गया था. इसके बाद वो शाम तक घर वापस नहीं आया था. हम तीन तक उससे कॉल करते रहे, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था.”उन्होंने आगे कहा, “इसके बाद हमने FIR दर्ज करा दी है. मैं आज भी अपने बेटे से कहना चाहता हूं कि अगर कश्मीर में हो तो सरेंडर कर दो. वहीं, अगर दूसरे देश में हो तो वहां पर घर बसा लो और हमें जानकारी दे दो. हम सब तुम्हे खुश देखना चाहते है.”
छोटा बीटा खुर्शीद उग्रवादी बन गया था और उसका जम्मूकश्मीर में ही एनकाउंटर हो गया.
जम्मूकश्मीर के रहने वाले गुलाम हसन मीर के बड़े बेटे अशफाक ने बताया, “उनके छोटे भाई (खुर्शीद) का भी एनकाउंटर हो गया है. लॉकडाउन के समय में वो बैंक जाता था. इसके बाद वो जम्मूकश्मीर से गायब हो गया था. करीब 1 साल बाद 2021 में पुलिस का कॉल आया था. जब हम वहां पर पहुंचे तो हमें बताया गया कि खुर्शीद उग्रवादी बन गया था और उसका एनकाउंटर हो गया है. वहीं, गुलाम हसन मीर ने अपने बेटे को लेकर कहा कि हमें उसका शव तक देखने को नहीं मिला है. हमें नहीं पता है कि उसे कहा दफनाया गया है. हमने उसका जनाजा भी नहीं निकाला था.
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