प्रधानमंत्री हो तो एसा हो, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री सुश्री जसिंदा आर्डर्न एक जीवित उधाहरण।
विश्व के कई देश ओर लोग ऐसे कई प्रधानमंत्रियों को जानते हैं, जो अपनी कुर्सी पर बने रहने के लिए क्या-क्या जुगाड़ नहीं करते हैं। लेकिन यदि न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री सुश्री जसिंदा आर्डर्न का आचरण देखें तो आप बोल पड़ेंगे कि क्या प्रधानमंत्री ऐसे भी होते हैं। जसिंदा ने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया है। उनके विरुद्ध कभी भी न्यूजीलैंड के किसी भी न्यायालय ने कोई फैसला नहीं दिया है, न कभी संसद में कोई भी अविश्वास प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है, न उनकी अपनी लेबर पार्टी में कोई विद्रोह हुआ है और न ही वे किसी भी भ्रष्टाचार में कभी लिप्त पाई गई हों।
प्रधानमंत्री सुश्री जसिंदा आर्डर्न ने यह लिखकर त्यागपत्र दिया हे की वह थक गई हें।
तो फिर उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया? उन्होंने प्रधानमंत्री पद से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए लिखा है कि वे दो बार प्रधानमंत्री रह चुकी हैं परन्तु अब वे थकान महसूस कर रही हैं। वे चाहती हैं कि कोई अच्छा नेता शासन चलाए ताकि लोगों को राहत मिले। इस समय 50 लाख जनसंख्या वाले न्यूजीलैंड में महंगाई बहुत बढ़ गई है। सरकार के विरुद्ध कुछ प्रदर्शन भी हो रहे हैं परन्तु ऐसी घटनाएं विश्व के किस देश में नहीं होतीं? इसके बाद भी जब प्रधानमंत्री सुश्री जसिंदा आर्डर्न दूसरी बार प्रचंड बहुमत से जीतकर आई थीं और अपनी पहली पारी में उन्होंने कई अद्भुत कदम उठाए थे, उन्होंने इस्तीफा देते समय कहा है कि वे अक्टूबर 2023 में होनेवाले चुनाव में भी भाग नहीं लेंगे। वे 37 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बननेवाली विलक्षण महिला हैं।
कुछ साहसिक कदम प्रधानमंत्री सुश्री जसिंदा आर्डर्न के जिससे ख्याति सारी दुनिया में फैल गई।
उन्होंने अपने कार्यकाल में कई उल्लेखनीय सफलताएं प्राप्त कीं। कोरोना संक्रमण महामारी का भी डटकर सामना करना और कोरोना संक्रमण-नियंत्रण मे उपलब्धि प्राप्त करना उनकी विशेष कार्यशेली रही। उनके कुछ साहसिक निर्णय ऐसे थे, जिनके कारण उनकी ख्याति सारी दुनिया में फैल गई। मार्च 2019 में जब एक गोरे आतंकवादी ने दो मस्जिदों पर हमला करके 51 मुसलमानों को मार डाला तो खुद प्रधानमंत्री बुर्का पहनकर उन मस्जिदों में गईं और न्यूजीलैंड के ही नहीं दुनिया के सभी लोगों को चकित कर दिया। उन्होंने बंदूकबाजी के विरुद्ध सख्त कानून भी बनाए।
प्रधानमंत्री सुश्री जसिंदा आर्डर्न के इस इस्तीफे ने दुनिया के कई प्रधानमंत्रियों को चकित कर दिया है।
जसिंदा ने औपचारिक तौर पर अभी शादी नहीं की है। अभी वे एक आदमी के साथ रहती हैं। अब उससे वे शादी भी करेंगी और 2018 में पैदा हुई अपनी बेटी की देखभाल भी करेंगी। वे तीन माह की इस बेटी को लेकर संयुक्तराष्ट्र संघ की महासभा में जानेवाली पहली महिला थीं। उन्होंने कहा है कि उनके इस्तीफे के कई मतलब लगाए जाएंगे लेकिन इसकी उन्हें परवाह नहीं है। कोविड महामारी के कारण वे अपनी परिवार पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे पाई हैं। जसिंदा आर्डर्न के इस इस्तीफे ने दुनिया के कई प्रधानमंत्रियों को चकित कर दिया है। वे उनको विश्व-नेता तक बता रहे हैं। न्यूजीलैंड के सत्तारूढ़ दल और विरोधी दलों के नेता भी इस महिला प्रधानमंत्री की तारीफ के पुल बांध रहे हैं। मुझे आशा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस विलक्षण महिला की सराहना करेंगे ताकि हमारे नेताओं को भी कुछ सीख मिले।
यह भी पढ़ें।
पंजाब ओर जम्मूकश्मीर मे हिन्दू असुरक्षित, केंद्र की ओर से सखत कदम उठाने की आवश्यकता।