पाकिस्तान में एससीओ की मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आने के लिए ने न्यौता भेजा है, क्या जायेंगे भारत के प्रधानमंत्री.

0
पाकिस्तान में एससीओ की मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आने के लिए ने न्यौता भेजा है, क्या जायेंगे भारत के प्रधानमंत्री.
Spread the love

पाकिस्तान में इस साल एससीओ की मीटिंग होनी है. इस्लामाबाद में यह बैठक 15-16 अक्टूबर को होगी. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की ओर से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए उनके समकक्ष ने न्यौता भेजा है. हालांकि, पीएम मोदी के वहां जाने की संभावना नहीं है. ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी की जगह वहां विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर जाएंगे या फिर कोई और हिस्सा लेगा? फिलहाल यह साफ नहीं है. वैसे, तीन-चार जुलाई को कजाकिस्तान में एससीओ समिट हुई थी, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने हिस्सा नहीं लिया था. उनकी जगह तब विदेश मंत्री एस जयशंकर वहां शरीक हुए थे, जबकि नरेंद्र मोदी आखिरी बार 2015 में पाकिस्तान गए थे.

पाकिस्तान का नाम लेकर पीएम मोदी ने कहा था कि उसने इतिहास से कुछ भी नहीं सीखा है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, भारत सरकार ने अभी तक सीएचजी बैठक के लिए एससीओ प्रोटोकॉल के अनुसार दिए गए निमंत्रण पर फैसला नहीं लिया है. जम्मू में हुए हालिया आतंकवादी हमले पाकिस्तान में किसी भी उच्च-स्तरीय मंत्री-स्तरीय यात्रा के खिलाफ काम करेंगे. दरअसल, पिछले महीने अपने कारगिल विजय दिवस संदेश में, पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लेकर कहा था कि उसने इतिहास से कुछ भी नहीं सीखा है. ऐसे में वो आतंकवाद और छद्म युद्ध के जरिए जुड़े रहने की कोशिश कर रहा है.

एससीओ की मीटिंग के लिए पाकिस्तान ने पीएम मोदी को इस्लामाबाद आने का न्योता दिया है.

दरअसल, पाकिस्तान ने शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट समिट के लिए पीएम मोदी को इस्लामाबाद आने का न्योता दिया है. इस दौरान भारत के अलावा संगठन के दूसरे सदस्य देशों के हेड ऑफ गवर्नमेंट को भी न्योता दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो  मुताबिक, इस बात की उम्मीद कम है कि पीएम मोदी इस बैठक के लिए इस्लामाबाद जाएंगे.

पाकिस्तान, चीन रूस एशिया में शांति के लिए बनाया गया संगठन एससीओ के सदस्य हैं.

एससीओ मध्य एशिया में शांति और सभी देशों के बीच सहयोग बनाए रखने के लिए बनाया गया संगठन है. जिसमें पाकिस्तान, चीन रूस भी इसके सदस्य हैं. ऐसे में एससीओ भारत को आतंकवाद से लड़ाई और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर अपनी बात मजबूती से रखने के लिए एक मजबूत मंच उपलब्ध कराता है. वहीं, सेंट्रल एशिया में दुनिया के कच्चे तेल और गैस का करीब 45% भंडार मौजूद है, जिसका इस्तेमाल ही नहीं हुआ है. इसलिए भी ये देश भारत की एनर्जी जरूरतों को पूरा करने के लिए आने वालों सालों में अहम कड़ी साबित हो सकते हैं.

Source link

ये भी पढ़ें.

हैदराबाद में बुलडोजर का खौफ 8 अवैध निर्माण ध्वस्त, 3 महीने में 44 एकड़ जमीन पर कब्जा छुडवाया. 

 

भारत-बांग्लादेश सीमा पर बढ़ा तनाव, बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत विरोधी नारे लगाए.

मेरा परिचय।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *