ममता सरकार बंगाल में रेपिस्ट को फांसी की सजा पर लाएगी बिल, जल्द शुरू होगा विधानसभा का विशेष सत्र.
पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र की शुरुआत सोमवार से हो सकती है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार (28 अगस्त) को तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित रैली में विधानसभा सत्र बुलाने के संकेत दिए थे. ममता ने कोलकाता रेप-मर्डर केस जैसी घटनाओं को लेकर कहा था कि इस घिनौने अपराध के दोषियों को तय समय में फांसी देने के बिल को वह विधानसभा में बिल पास करवाएंगीं. मंगलवार को इस बिल के पेश होने की संभावना है.
बीजेपी के नेतृत्व में लोगों ने ममता सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया है.
दरअसल, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर ममता सरकार बैकफुट पर है. केस की शुरुआत जांच के दौरान पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं. बीजेपी के नेतृत्व में लोगों ने ममता सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया है. सीएम ममता के इस्तीफे की मांग भी की गई है. बंगाल में बुधवार को बंद भी बुलाया गया, जिसका अच्छा खासा असर देखने को मिला है. कई जगह टीएमसी-बीजेपी कार्यकर्ताओं की झड़प भी हुई.
ममता ने कहा अगले हफ्ते विधानसभा के विशेष सत्र में संशोधन बिल पारित करेंगे.
तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित रैली में ममता ने कहा कि विधानसभा में बिल पास करवाकर ये सुनिश्चित करेंगे कि दुष्कर्म के अपराधियों को मौत की सजा मिले. अगर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने बिल को मंजूरी देने में देरी की तो धरना दिया जाएगा. उन्होंने कहा, “हम अगले हफ्ते विधानसभा के विशेष सत्र में संशोधन बिल पारित करेंगे. फिर हम इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजेंगे. अगर उन्होंने बिल को लटकाया तो हम राजभवन के बाहर धरना देंगे.”
ममता के सीएम पद से इस्तीफे की मांग की जा रही है कोलकाता केस के बाद.
वहीं, कोलकाता केस के बाद सीएम पद से ममता के इस्तीफे की मांग की जा रही है. इसे लेकर उन्होंने कहा, “मैं बीजेपी से पूछती हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस वक्त अपना इस्तीफा क्यों नहीं दिया, जब वह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, मणिपर और असम में महिलाओं पर अत्याचार रोकने में फेल हुए.” उन्होंने कहा कि इस्तीफे की मांग इसलिए की जा रही है, क्योंकि उसे चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ता है. उसे बखूबी मालूम है कि आने वाले वक्त में भी वह चुनाव नहीं जीतने वाली है.
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