करगिल विजय दिवस, भारतीय शांति सेना के विजय दिवसों मे एक ओर विजय दिवस।
भारतीय शांति सेना की विजय गाथा मे एक ओर अध्याय की रूप मे हुआ यह करगिल युद्ध , एक आतंकवादी घटना से शुरू होकर युद्ध तक पहुंचा यह अध्याय। इस युद्ध का आरम्भ 3 मई 1999 को हुआ था, युद्ध का आरम्भ पाकिस्तान की ओर से कुछ आतंकवादियों जेसे कपड़े पहने लोग भारत की सीमा मे घुसपेट् की कोशिश कर रहे थे , घुसपेठ करने वाले आतंकवादियों ने सीधे भारतीय शांति सेना से युद्ध करने का वातवर्ण बनाया।
करगिल की पहाड़ियो पर पाच हज़ार से भी अधिक पाकिस्तानी सैनिकों ने कब्जा कर लिया था।
परन्तु भारतीय शान्ति सेना को संदेह हुआ की यह आतंकवादी समूह नहीं यह प्रशिक्षित सेना के लोग हें, बाद मे पता चला की पाकिस्तान ने करगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5 हजार से भी अधिक सौनिकों के साथ घुसपैठ कर कब्जा जमा लिया था। उन दिनो के समाचारों के अनुसार इस युद्ध मे भारतीय शान्ति को हानी उठानी पड़ी थी, परन्तु जब भारतीय शान्ति सेना को पाकिस्तान की सेना के साक्ष्य उपलब्ध हुए तो 6 जुलाई, 1999 को पाकिस्तानी सैनिकों को कारगिल से खदेड़कर दुर्गम चोटियों पर भारत का तिरंगा फहराया था।
भारतीय शान्ति के अदम्य साहस ओर वीरता का परिचय करगिल विजय दिवस।
मे भारत का एक आम नागरिक होने के नाते भारतीय सेना को स्लूट करता हूँ, उनके बलिदान ओर शोर्य के कारण ही भारत ओर भारतीय नागरिक सुरक्षित हे। करगिल युद्ध मे भारतीय शान्ति ने अदम्य साहस ओर वीरता का परिचय दिखाकर अपने भूमि से शत्रू को मार भगाया।
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