वक्फ संशोधन बिल पर जे पी सी को मिले अब तक 84 लाख ईमेल और लिखित सुझाव से भरे 70 बॉक्स.
वक्फ बोर्ड की शक्तियों की सीमित करने के उद्देश्य से लाए गए वक्फ संशोधन बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है. इसे लेकर जेपीसी की अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं. इस दौरान जेपीसी की ओर से आम जनता से वक्फ संशोधन बिल को लेकर उनके सुझाव मांगे गए थे. इस मामले में जेपीसी के सामने अब तक करीब 84 लाख सुझाव ईमेल के जरिए आ चुके हैं. इसके साथ ही लगभग 70 बॉक्स लिखित सुझावों से भरे हुए भी संयुक्त संसदीय समिति के पास आए हैं. गौरतलब है कि जेपीसी ने सुझाव देने की आखिरी तारीख 16 सितंबर रात 12 बजे तक के लिए बढ़ा दी थी.
वक्फ संशोधन बिल पर अगली बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी.
संयुक्त संसदीय समिति की अगली बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी. 19 सितंबर को पटना लॉ कालेज के वीसी के साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अधिकारी को बुलाया गया है. 26 से 1 अक्टूबर के बीच देश के 6 बड़े शहरों में जेपीसी के सदस्य जाएंगे और वहां के संभ्रांत लोगों और मुस्लिम संगठनों से राय लेंगे. जेपीसी के सदस्य मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु शहरों में जाएंगे. वक्फ संशोधन बिल के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल हैं, जो बीजेपी से सांसद हैं.
स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता व समानता के कानूनों का उल्लंघन होगा, वक्फ संशोधन बिल से.
वक्फ (संशोधन) बिल पर जेपीसी की पहली बैठक से ही अलग-अलग विपक्षी दलों के कई सांसदों का कहना था कि बिल के मौजूदा प्रारूप से स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता व समानता के कानूनों का उल्लंघन होगा. एक बड़ा एतराज वक्फ ट्रिब्यूनल में डीएम व अल्पसंख्यक समुदाय के बाहर के सदस्यों को शामिल करने पर जताया गया है.जेपीसी की ओर से ईमेल और लिखित सुझावों पर विचार करने के साथ ही कुछ विशेषज्ञों और हितधारकों की राय और सुझाव भी सुने जाएंगे. समिति बिल पर विचार विमर्श करने के बाद संसद के शीतकालीन सत्र से पहले अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.
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