इजरायल का बड़ा दावा हमास का मुखिया रावी मुश्तहा और दो बड़े नेताओं को भी गाजा में मार गिराया.
इजरायली सेना ने गुरुवार, 3 अक्टूबर को बताया कि उसने तीन महीने पहले गाजा में हवाई हमले कर हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा और दो वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों को मार दिया. यह हमला उत्तरी गाजा के एक भूमिगत ठिकाने पर किया गया, जो हमास का कमांड और नियंत्रण केंद्र था.
मुश्तहा के साथ हमास के अन्य कमांडर सामेह अल-सिराज और सामी ओदेह भी उस ठिकाने में शरण लिए हुए थे. इजरायली सेना ने दावा किया कि हमला उसी समय हुआ जब वे वहां मौजूद थे. मुश्तहा हमास के अहम नेताओं में से एक थे और संगठन के बल तैनाती से संबंधित फैसलों पर उनका प्रमुख प्रभाव था.
- 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले की योजना बनाने में शामिल माना जाता है.
- हमास आतंकी अब्दुल अजीज सालहा की भी मौत हो गई इजरायली हमले में.
- अब्दुल अजीज सालहा पर दो इज़राइल के सैनिकों की हत्या का आरोप था.
Approximately 3 months ago, in a joint IDF and ISA strike in Gaza, the following terrorists were eliminated:
🔴Rawhi Mushtaha, the Head of the Hamas government in Gaza
🔴Sameh al-Siraj, who held the security portfolio on Hamas’ political bureau and Hamas’ Labor Committee
🔴Sami… pic.twitter.com/6xpH6tOOot— Israel Defense Forces (@IDF) October 3, 2024
7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले की योजना बनाने में शामिल माना जाता है.
सामेह अल-सिराज, जो हमास के राजनीतिक कार्यालय के सुरक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभालते थे, भी इस हमले में मारे गए. सेना के अनुसार, मुश्तहा हमास के प्रमुख नेता याह्या सिनवार के करीबी माने जाते थे, जिन्हें 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले की योजना बनाने में शामिल माना जाता है. सिनवार अभी गाजा में छिपे होने की संभावना जताई जा रही है. हमले के बाद हमास की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान या प्रतिक्रिया नहीं आई है.
हमास आतंकी अब्दुल अजीज सालहा की भी मौत हो गई इजरायली हमले में.
इजरायली हमले में वेस्ट बैंक के एक और हमास आतंकी अब्दुल अजीज सालहा की भी मौत हो गई. सालहा 2000 में रामल्लाह में दो इज़राइली सैनिकों की हत्या के मामले में दोषी था और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2011 में कैदियों की अदला-बदली के दौरान उसे रिहा किया गया था.
अब्दुल अजीज सालहा पर दो इज़राइल के सैनिकों की हत्या का आरोप था.
गुरुवार को उसे ग़ाज़ा के अल-अक्लूक स्कूल के पास एक तंबू पर हुए हमले में मार दिया गया, जहां कई विस्थापित फिलिस्तीनी शरण लिए हुए थे. 2000 में वेस्ट बैंक के रामल्लाह शहर में एक उग्र भीड़ ने दो इज़राइल के सैनिकों को पकड़ा और उन्हें एक पुलिस स्टेशन में ले जाकर उनकी हत्या कर दी थी.
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