हमास कतर छोड़कर ओमान जाने की योजना बना रहा है, और युद्धविराम का दबाव नहीं झेल सकता।
हमास नेता जल्द ही कतर से अपना बेस वापस ले सकते हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका लगातार कतर पर दबाव बना रहा है कि वह इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम समझौता कराए, जो अभी तक संभव नहीं हो पाया है। अरब अधिकारियों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि हमास फिलहाल ओमान समेत दो खाड़ी देशों के संपर्क में है। दरअसल, हमास का मानना है कि बंधकों को छुड़ाने के लिए इजरायल के साथ समझौते पर पहुंचने में कई महीने लग सकते हैं। ऐसे में वह कतर के साथ रिश्ते खराब नहीं करना चाहता।
ब्रिटिश मीडिया गार्जियन के मुताबिक, हमास और इजराइल में मध्यस्थ की भूमिका निभाकर कतर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने खुद को बेहद अहम देश दिखाना चाहता है। इसके अलावा वो सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे पड़ोसियों के हस्तक्षेप से भी सुरक्षित रहना चाहता है।
- मिस्र ने हमास को युद्धविराम समझौते न मानने पर देश से बाहर निकालने की धमकी दी हे।
- इजराइल हमास के साथ डील करवाने के लिए कतर पर दबाव बना रहा हे, बेंजामिन नेतन्याहू।
- कतर देश अमेरिका का सहयोगी होने के साथ ही हमास से भी संबंध रखता है।
मिस्र ने हमास को युद्धविराम समझौते न मानने पर देश से बाहर निकालने की धमकी दी हे।
हमास नेता 2012 से कतर में रह रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी दबाव के कारण कतर और मिस्र ने हाल ही में हमास पर युद्धविराम समझौते की शर्तों को नरम करने का दबाव डाला। ऐसा न होने पर हमास को देश से बाहर निकालने की धमकी भी दी गई है. 17 अप्रैल को कतर ने कहा कि वह इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थ की भूमिका पर पुनर्विचार कर रहा है। कतर के प्रधानमंत्री जासिम अल-थानी ने दोहा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, “मध्यस्थता कराने में कतर की भूमिका का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। कई देश अपने चुनाव कैंपेन के लिए कतर के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। हम दोनों पक्षों में समझौते के लिए एक हद तक की अपना योगदान दे सकते हैं। इसके बाद फैसला उन्हीं को करना होगा।”
इजराइल हमास के साथ डील करवाने के लिए कतर पर दबाव बना रहा हे, बेंजामिन नेतन्याहू।
अमेरिका ने कहा कि कतर लगातार इजराइल और हमास के बीच बैठकों के जरिए समझौता करवाने की कोशिश कर रहा हे। अमेरिका के कई सांसद व्हाइट हाउस से कतर पर दबाव डालने के लिए कह चुके हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी हमास के साथ डील करवाने के लिए कतर पर दबाव बनाने की बात कही थी। इस बीच अमेरिका के अधिकारियों ने कतर का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि कतर ने लगातार इजराइल और हमास के बीच बैठकों के जरिए समझौता करवाने की कोशिश की है। दरअसल, अमेरिका को डर है कि अगर हमास के नेताओं ने दोहा छोड़ दिया तो वे ईरान या सीरिया जैसे किसी देश में जा सकते हैं। यहां अमेरिका की पकड़ कमजोर है और ऐसे में हमास नेताओं से संपर्क करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
कतर देश अमेरिका का सहयोगी होने के साथ ही हमास से भी संबंध रखता है।
हमास ने सबसे पहले 21 अक्टूबर को अपनी कैद में मौजूद 2 अमेरिकी बंधकों को रिहा किया था। यह मध्यस्थता भी कतर ने करवाई थी। इसके बाद नवंबर में हमास-इजराइल के बीच हुए सीजफायर की डील करवाने में भी कतर और मिस्र का अहम रोल था। दरअसल, कतर अमेरिका का सहयोगी होने के साथ ही हमास से भी संबंध रखता है। हमास चीफ इस्माइल हानिए भी राजधानी दोहा से ही काम करते हैं। कतर पहले भी अमेरिका और हमास जैसे संगठनों के बीच मध्यस्थता करवा चुका है।
कतर ने इजराइल और हमास के अलावा यूक्रेन, लेबनान, सूडान और अफगानिस्तान जैसे देशों में भी मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। विदेश नीति के अनुसार कतर के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा गैस भंडार है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में यह दुनिया का छठा सबसे बड़ा देश है।
यह भी पढ़ें।
Somebody essentially lend a hand to make significantly articles Id state That is the very first time I frequented your website page and up to now I surprised with the research you made to make this actual submit amazing Wonderful task