डोनाल्ड ट्रंप का मुस्लिम बैन: अमेरिका से ब्रिटेन तक खलबली।
डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिका का राष्ट्रपति बने अभी एक सप्ताह भी नहीं हुआ है और उन्होंने ऐसे फैसले लेने शुरू कर दिए हैं, जिनकी दुनिया भर में चर्चा हो रही है। खासतौर पर मुस्लिम देशों में इसको लेकर भारी चिंता है। अमेरिका से ब्रिटेन तक मुस्लिम समुदाय ट्रंप के नए आदेशों से परेशान नजर आ रहा है।
मुस्लिमों पर ट्रंप का नया सख्त रुख
ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान 2017 में जारी कार्यकारी आदेश “विदेशी आतंकवादियों” की अमेरिका में एंट्री को रोकने के लिए था, जो अप्रत्यक्ष रूप से मुस्लिमों को टार्गेट करता था। अब, ट्रंप 2.0 में यह नीति और सख्त कर दी गई है। खासतौर पर फिलिस्तीनी समर्थक स्टूडेंट्स के खिलाफ ट्रंप का रुख बेहद कड़ा हो गया है।
ट्रंप के फैसले से अरब देशों में चिंता
इंटरनेशनल रिफ्यूजी असिस्टेंस प्रोजेक्ट (IRAP) की वकील दीपा अलागेसन का कहना है कि नया आदेश 2017 के मुस्लिम बहुल देशों पर लगे ट्रैवल बैन से भी अधिक सख्त है। इसमें न केवल अमेरिका में एंट्री पर प्रतिबंध शामिल है, बल्कि मुस्लिम प्रवासियों को बाहर निकालने की नीति पर भी जोर दिया जा रहा है। इस आदेश के चलते अरब देशों में इस्लामोफोबिया बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
कड़ी स्क्रीनिंग प्रक्रिया की तैयारी
ट्रंप के नए आदेश के अनुसार, अमेरिकी प्रशासन को उन देशों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जिन्हें अमेरिका में प्रवेश से पहले कड़ी जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसमें जो बाइडेन प्रशासन के दौरान अमेरिका आए मुस्लिम प्रवासियों को भी शामिल किया गया है।
प्रवासियों की निगरानी बढ़ाई जाएगी
नए आदेश के तहत प्रशासन को इन देशों से आए प्रवासियों की संपूर्ण जानकारी इकट्ठा करने को कहा गया है। ट्रंप ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि विदेशी नागरिकों को अमेरिका में रहते हुए यहां की संस्कृति या सरकार के खिलाफ किसी भी प्रकार की गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए।
ब्रिटेन में ट्रंप के फैसलों से हड़कंप
ब्रिटेन में भी ट्रंप के नए आदेशों के बाद चिंता बढ़ गई है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर इस मुद्दे पर अपनी चिंता जता चुके हैं। वहीं, ट्रंप के मंत्री एलन मस्क इस फैसले को लेकर ब्रिटिश सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं।
ब्रिटिश मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया
ब्रिटेन में पाकिस्तानी मूल के नागरिक और टैक्सी ड्राइवर अजमत खान ने इस आदेश पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने अलजजीरा को दिए बयान में कहा कि, “रात में टैक्सी चलाने के दौरान मैं खुद को असुरक्षित महसूस करता हूं। हमें मुसलमानों के खिलाफ फैलाए जा रहे नफरत भरे प्रचार से खतरा महसूस हो रहा है।”
सोशल मीडिया पर मुस्लिम विरोधी बयानबाजी
एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर मुस्लिमों के खिलाफ गलत सूचनाओं के प्रचार का भी आरोप लगाया जा रहा है। अजमत खान का मानना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिकों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
मुस्लिम देशों में रोष और विरोध
अरब देशों के नेताओं ने ट्रंप के इस कदम की आलोचना की है और इसे इस्लामोफोबिक करार दिया है। कई देशों में इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं, जहां इसे मुस्लिम समुदाय के लिए भेदभावपूर्ण बताया जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप के नए आदेशों ने अमेरिका, ब्रिटेन और अरब देशों में हड़कंप मचा दिया है। मुस्लिम समुदाय खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है और इस आदेश के विरोध में आवाजें बुलंद हो रही हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का वैश्विक स्तर पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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