दिल्ली चुनाव 2025: कांग्रेस ने ‘आप’ पर खोला मोर्चा, चुनावी माहौल गरमाया।

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दिल्ली चुनाव 2025: कांग्रेस ने ‘आप’ पर खोला मोर्चा, चुनावी माहौल गरमाया।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों के नजदीक आते ही राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है। इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। आम आदमी पार्टी की लगातार बढ़ती हुई ताकत के बीच, कांग्रेस ने अपनी रणनीति बदलते हुए ‘आप’ के खिलाफ आक्रामक मोर्चा खोल दिया है। पिछले कुछ महीनों में जहां कांग्रेस चुनावी मुद्दों पर चुप थी, वहीं अब उसने ‘आप’ की सरकार के खिलाफ तीखा हमला बोलना शुरू कर दिया है।

कांग्रेस का अचानक बदला रुख और चुनावी अभियान

शुरुआत में यह लग रहा था कि दिल्ली में मुख्य मुकाबला सिर्फ आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही होगा, जबकि कांग्रेस पिछली बार की तरह चुनावी जंग से बाहर नजर आ रही थी। लेकिन जैसे-जैसे चुनावी तारीखें नजदीक आईं, कांग्रेस ने अचानक आक्रामक रणनीति अपनाते हुए आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की सरकार में भ्रष्टाचार और अन्य अनियमितताएं बढ़ी हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने दावा किया कि उनकी पार्टी जल्द ही ‘आप’ के खिलाफ कई बड़े खुलासे करने वाली है।

‘आप’ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप और खुलासे

कांग्रेस ने दिल्ली सरकार पर शराब नीति, भ्रष्टाचार और स्वास्थ्य घोटाले जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। अजय माकन ने 22 जनवरी को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केजरीवाल सरकार की नीतियां दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की योजनाओं की आड़ में छिपी हुई हैं। साथ ही, कांग्रेस ने एक कथित ऑडियो क्लिप जारी कर ‘आप’ के विधायक शरद चौहान पर शराब नीति के जरिए पार्टी के लिए फंड जुटाने का आरोप लगाया। कांग्रेस का कहना है कि ‘आप’ ने नई शराब नीति का इस्तेमाल चुनावी फंड जुटाने के लिए किया, जो कि पूरी तरह से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला है।

इंडी गठबंधन में कांग्रेस का अलग-थलग पड़ना

जब इंडी गठबंधन के दलों ने दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी का समर्थन करने का ऐलान किया, तो कांग्रेस की स्थिति कमजोर पड़ गई। गठबंधन के अन्य दलों का समर्थन मिलने से कांग्रेस को यह महसूस हुआ कि यदि वह दिल्ली में अपनी राजनीतिक जमीन नहीं बचाती है, तो भविष्य में अन्य राज्यों में भी ‘आप’ उसकी सफलता को रोक सकती है। छत्तीसगढ़, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्यों में ‘आप’ ने कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी की है, जिससे कांग्रेस का मनोबल गिरा है।

कांग्रेस का चुनावी उद्देश्य और रणनीति

कांग्रेस अब अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को फिर से हासिल करने के लिए चुनावी मैदान में उतरी है। पार्टी का प्रचार अभियान ‘आप’ सरकार की विफलताओं को उजागर करने पर केंद्रित है। कांग्रेस का कहना है कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के कार्यकाल में हुए विकास कार्य पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के समय की योजनाओं का परिणाम हैं। इस दौरान कांग्रेस ने अपनी रणनीति यह तय की है कि वह दिल्ली की जनता से कहेगी, “पुरानी दिल्ली को वापस लाओ।” इसका उद्देश्य यह है कि लोगों को यह एहसास हो कि पिछले समय में दिल्ली में ज्यादा विकास हुआ था।

‘आप’ की जीत का कारण कांग्रेस की हार

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की लगातार जीत मुख्य रूप से कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन का परिणाम है। दरअसल, कांग्रेस की हार ही ‘आप’ की सफलता का कारण बनी है। दिल्ली विधानसभा चुनावों में ‘आप’ को जितनी सफलता मिली, वह ज्यादातर कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी के कारण ही हुआ। कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक अब कमजोर हो चुका है, जिससे ‘आप’ को लाभ हुआ है। इसी कारण कांग्रेस ने ‘आप’ के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

‘आप’ के लिए खतरे की घंटी और आगामी चुनावी मुकाबला

कांग्रेस का आक्रामक प्रचार और खुलासे ‘आप’ के लिए खतरे की घंटी बन गए हैं। कांग्रेस का यह हमला ‘आप’ के लिए चिंता का कारण बन सकता है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि कांग्रेस के इस रुख से दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम प्रभावित हो सकता है। कांग्रेस ने चुनावी प्रचार में ‘आप’ के भ्रष्टाचार, प्रशासनिक विफलताओं और विकास कार्यों पर सवाल उठाकर इसे चुनावी मुद्दा बना दिया है।

भाजपा की चुप्पी और कांग्रेस की सक्रियता

दिल्ली में भाजपा ने अब तक मुख्य चुनावी मुद्दों पर चुप्पी साध रखी है। पार्टी ने अभी तक कांग्रेस और ‘आप’ के मुद्दों पर खुलकर टिप्पणी नहीं की है। इसके विपरीत, कांग्रेस ने ‘आप’ की नीतियों और कार्यों पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली में विकास कार्यों का श्रेय ‘आप’ को नहीं, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जाता है। कांग्रेस ने अब लोगों से यह अपील शुरू कर दी है कि वे ‘आप’ के शासन से उब चुके हैं और दिल्ली को फिर से पुराने विकास मॉडल पर वापस लाना चाहिए।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का आक्रामक रुख और ‘आप’ पर हमले चुनावी माहौल को और भी गर्म कर रहे हैं। कांग्रेस ने अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए ‘आप’ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आने वाले दिनों में चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प होने वाला है।

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