पाकिस्तान में चीन के नागरिकों पर फिदायीन हमलों को लेकर भड़का चीन, जताई सख्त नाराज़गी.
चीन ने पाकिस्तान को चीनी नागरिकों को निशाना बनाए जाने को लेकर नाराजगी जताई है. इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में चीनी राजदूत जियांग जैडॉन्ग ने कहा कि चीन के नागरिकों को पाकिस्तान में दो बार आतंकियों की ओर से निशाना बनाया जाना “अस्वीकार्य” है. उन्होंने मार्च से लेकर अब तक फिदायीन हमलों में सात चीनी नागरिकों की मौत का जिक्र किया. आमतौर पर चीन-पाकिस्तान संबंधों में सार्वजनिक तौर पर तनाव दिखना दुर्लभ है लेकिन हालिया हमलों के बाद संबंधों में दरार खुलकर सामने आई है.
पाकिस्तान ही इकलौता ऐसा देश है जहां चीन ने सुरक्षा चिंताओं के बावजूद नागरिकों को भेजा.
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी बयान देकर इस मामले को और उलझा दिया. इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान ही इकलौता ऐसा देश है जहां चीन ने सुरक्षा चिंताओं के बावजूद नागरिकों को भेजा है. डार ने यह बयान इस्लामाबाद में स्थित स्वतंत्र थिंक टैंक पाकिस्तान-चीन इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित एक बैठक में दिया.
पाकिस्तान के साथ हुई हालिया बातचीत में सुरक्षा के मुद्दे पर प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया.
कार्यक्रम में मौजूद चीनी राजदूत जियांग जैडॉन्ग ने डार के बयान का विरोध करते हुए कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए चीनी नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. बीजिंग ने पाकिस्तान सरकार के साथ हुई हालिया बातचीत में सुरक्षा के मुद्दे पर प्राथमिकताओं को स्पष्ट किया है. चीनी नागरिकों को निशाना बनाने वाली हिंसा के चलते बीजिंग अब पाकिस्तान में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत किए जा रहे निवेशों पर पुनर्विचार कर रहा है. राजदूत ने इस्लामाबाद से प्रभावी उपाय करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि इस तरह के आतंकवादी हमलें दोबारा न हो.
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सार्वजनिक तौर से आलोचना नहीं करते.
गुरुवार ( 31 अक्टूबर 2024 ) को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच ने चीनी राजदूत के बयान को “विचलित करने वाला” बताया और कहा कि यह दोनों देशों के बीच लंबे वक्त से चली आ रही राजनयिक परंपराओं के उलट है. आमतौर पर चीनी अधिकारी पाकिस्तान में अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सार्वजनिक तौर से आलोचना नहीं करते हैं और पाकिस्तान का चीन की आलोचना पर सार्वजनिक जवाब भी असामान्य है लेकिन हाल के हमलों के कारण चीन की सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं.
अब तक 21 चीनी कामगारों की मौत हो चुकी है पाकिस्तान में.
अक्टूबर की शुरुआत में कराची हवाई अड्डे के पास फिदायीन हमले में दो चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी और 10 घायल हुए थे. हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली थी, जबकि इसी साल मार्च में उत्तर पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बेशाम इलाके में एक आत्मघाती बम धमाके में पांच चीनी इंजीनियरों की मौत हुई थी. पिछले एक दशक में, जब से चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर परियोजना शुरू हुई है, पाकिस्तान में अब तक 21 चीनी कामगारों की मौत हो चुकी है.
ये भी पढ़ें.
रूस के खिलाफ लंबी रेंज की मिसाइल के इस्तेमाल की इजाजत न मिलने से भड़के जेलेंस्की.
Thank you for the auspicious writeup It in fact was a amusement account it Look advanced to more added agreeable from you By the way how could we communicate