कनाडा के प्रधानमंत्री से उनके सांसद मांग रहे हें इस्तीफा, क्या जस्टिन ट्रूडो देंगे इस्तीफा.
भारत के साथ खराब हुए रिश्तों से न सिर्फ भारतीय बल्कि कनाडा के पीएम से कनाडा के सांसद भी नाराज हैं. वो लगातार जस्टिन ट्रूडो से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा था कि बढ़ते दबाव के कारण ट्रूडो अगले चुनाव से पहले इस्तीफा दे सकते हैं लेकिन अब कनाडा PM ने बड़ा ऐलान किया है. ट्रूडो के इस ऐलान के बाद अब हर तरह के कयास पर विराम लग गया है. दरअसल, जस्टिन ट्रूडो किसी भी हाल में अपनी सत्ता नहीं खोना चाहते हैं. इसी वजह से वो नाराज सांसदों से मिल रहे हैं. बुधवार को तीन घंटे तक उन्होंने अपनी पार्टी के नाराज सांसदों के साथ मीटिंग की. यह बैठक ऐसे वक्त में ट्रूडो ने की है जब उन्हीं की पार्टी के 24 सांसदों ने चुनाव से पहले उनको पद छोड़ने की मांग वाले पत्र पर हस्ताक्षर किया है.
मेरी सबसे बात चल रही है कहा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बैठक के बाद कहा,” मेरी सबसे बात चल रही है. हम एकसाथ मजबूती से आगे बढ़ेंगे. मुझे हाउस ऑफ कॉमन्स के 153 लिबरल पार्टी सदस्यों का विशाल बहुमत मिला हुआ है. मैं चौथी बार के लिए तैयार हूं.” उनके इस बयान से साफ है कि वो अगले चुनाव में लड़गे और फिल्हाल इस्तीफा देने का कोई इरादा उनका नहीं है.
अगले साल अक्टूबर में संघीय चुनाव हो सकते हैं कनाडा में.
कनाडा में चुनाव अगले साल होगा. अगले साल अक्टूबर में संघीय चुनाव हो सकते हैं. कनाडा न सिर्फ बारत के साथ विवाद की वजह से चर्चा में है बल्कि ट्रूडो की सरकार देश में बढ़ती महंगाई, इमीग्रेशन जैसे मुद्दों को लेकर भी घिरी हुई है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत के प्रति जारी शत्रुता के बीच नई दिल्ली द्वारा कनाडा से वापस बुलाए जाने पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में वरिष्ठ राजनयिक और उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने ओटावा द्वारा लगाए गए आरोपों को “राजनीति से प्रेरित” बताया.
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में अभी तक कोई सबूत पेश नहीं किया कनाडा सरकार ने.
पिछले साल खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की कथित संलिप्तता के बारे में कनाडाई सरकार द्वारा कोई सबूत पेश नहीं किया गया. वर्मा ने देश से रवाना होने से पहले कनाडा के सीटीवी से कहा, “कुछ भी नहीं. कोई सबूत पेश नहीं किया गया. यह राजनीति से प्रेरित है.” इस सप्ताह के आरंभ में भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों एवं अधिकारियों को वापस बुलाने का निर्णय लिया था.
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