बीजेपी का आरोप: कांग्रेस समर्थित एनजीओ ने भारत के चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश की।
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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस समर्थित एनजीओ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी संगठनों ने भारत में चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास किया। बीजेपी ने इस दावे के समर्थन में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने बाइडेन प्रशासन द्वारा भारत में “मतदान टर्नआउट” बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर देने की बात कही थी।
रविशंकर प्रसाद का कांग्रेस पर हमला
बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोनाल्ड ट्रंप के बयान और राहुल गांधी के हालिया विदेशी दौरे के दौरान दिए गए बयानों के बीच संबंध जोड़ने की कोशिश की।
“यह कांग्रेस के लिए शर्म की बात है। राहुल गांधी ने विदेश में भारतीय लोकतंत्र का मजाक उड़ाया और विदेशी लोकतांत्रिक देशों से मदद मांगी। इसका मतलब यह हुआ कि कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है, इसलिए राहुल गांधी विदेशी मदद चाहते हैं,” – रविशंकर प्रसाद
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने पुष्टि की है कि भारत में “मतदान टर्नआउट” को प्रभावित करने के लिए 21 मिलियन डॉलर की सहायता दी जा रही थी।
“विदेशी फंडिंग के जरिए साजिश” – बीजेपी
बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और उसके समर्थक एनजीओ विदेशी फंडिंग का उपयोग करके भारतीय लोकतंत्र को बदनाम करने और चुनावों को प्रभावित करने की साजिश रच रहे हैं।
“अगर लोग उन्हें वोट नहीं देते, तो वे विदेशी धन का उपयोग कर भारतीय चुनावों को प्रभावित करने और लोकतंत्र को बदनाम करने की साजिश रचते हैं। यह अत्यंत शर्मनाक है, और हम इसका कड़ा विरोध करते हैं,” – रविशंकर प्रसाद
बीजेपी आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय का दावा
बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि 2024 के आम चुनाव को प्रभावित करने के लिए एक “सुनियोजित प्रयास” किया जा रहा है।
“UPA सरकार (2004-2013) के दौरान भारत सरकार को 204.28 मिलियन डॉलर की सहायता मिली, जबकि एनजीओ को 2,114.96 मिलियन डॉलर दिए गए। वहीं, एनडीए सरकार (2014-2024) में सरकारी फंडिंग घटकर 1.51 मिलियन डॉलर रह गई, लेकिन एनजीओ फंडिंग बढ़कर 2,579.73 मिलियन डॉलर हो गई,” – अमित मालवीय
उन्होंने दावा किया कि “लोकतंत्र, मानवाधिकार और शासन” के लिए फंडिंग 2022 में अचानक बढ़ गई, जो राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान हुई।
बीजेपी ने की जांच की मांग
बीजेपी ने इस मामले में गंभीर जांच की मांग की है और इसे भारत के लोकतांत्रिक प्रणाली में विदेशी हस्तक्षेप करार दिया है। पार्टी का कहना है कि विदेशी फंडिंग का उपयोग कर भारतीय चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास देश की संप्रभुता के खिलाफ है।
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