पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, छात्र समाज के नेता लाहिड़ी की जमानत रद्द करने से इनकार.
पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने सायन लाहिड़ी को बड़ी राहत देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका को खारिज कर दिया और जमानत रद्द करने से साफ इनकार कर दिया। पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इस महीने की शुरुआत में एक प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म व उसकी हत्या की घटना के विरोध में यह रैली आयोजित की गई थी।
शीर्ष अदालत का रुख किया था आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने.
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कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर से कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या के विरोध में देशभर में नाराजगी है। वहीं राज्य में तनाव भरे हालात बने हुए हैं। दरअसल, हाईकोर्ट ने 27 अगस्त को निकाले गए राज्य सचिवालय मार्च के आयोजकों में से एक शख्स को जमानत दे दी थी। इसी आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत का रुख किया था.
हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल छात्र समाज के नेता सायन लाहिड़ी को जमानत दी थी.
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ द्वारा याचिका की सुनवाई हुई। कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल छात्र समाज के नेता सायन लाहिड़ी को जमानत दी थी। यह संगठन, एक अपंजीकृत छात्र समूह है। यह उन दो संगठनों में एक है जिसने 27 अगस्त के ‘नबन्ना’ (राज्य सचिवालय) अभियान का आह्वान किया था।
रैली का नेतृत्व करने में सक्रिय भूमिका निभाने के आरोप में पश्चिम बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था.
लाहिड़ी को 27 अगस्त की शाम रैली का नेतृत्व करने में सक्रिय भूमिका निभाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा था कि रैली हिंसक हो गई, जिससे सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा तथा सुरक्षाकर्मियों पर हमले हुए। सायन की मां अंजलि की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उसे शनिवार अपराह्न दो बजे तक पुलिस हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया था। अंजलि ने अपनी याचिका में बेटे के खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने और उसे जमानत देने का अनुरोध किया था। कोलकाता पुलिस ने शनिवार को लाहिड़ी को अपनी हिरासत से रिहा कर दिया।
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