बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बन गई.
बांग्लादेश में सियासी गहमागहमी के बीच आखिरकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बन गई. सरकार में मंत्रियों के पोर्टफोलियो का अलॉटमेंट भी हो गया. सबसे बड़ी बात ये है कि मोहम्मद यूनुस ने अपने पास 27 मंत्रालय रखे हैं, जिनमें रक्षा, शिक्षा और विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण मंत्रालय हैं. गुरुवार को नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस को मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ दिलाई गई थी, यह पद प्रधानमंत्री के समकक्ष का पद माना जाता है. शपथ ग्रहण समारोह में जज, कई संगठनों के प्रतिनिधि, तीनों सेनाओं के प्रमुख, स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार समेत कई लोग शामिल हुए थे.
बांग्लादेश के पुनर्निर्माण में मदद का भी लोगों से आग्रह किया मोहम्मद यूनुस ने.
शपथ से पहले यूनुस ने लोगों से वादा किया था, जो अपने नागरिकों को सुरक्षा दे सकेगी. उन्होंने बांग्लादेश के पुनर्निर्माण में मदद का भी लोगों से आग्रह किया. ऐसे में छात्र नेताओं ने दबी जुबां से ये भी कहा कि यह सरकार कम से कम 3 साल तक चलाई जाए, जबकि बीएनपी पार्टी के नेता जल्द चुनाव की मांग कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि अंतरिम सरकार एक निश्चित अवधि के लिए देश का नेतृत्व करेगी और निर्वाचित सरकार को सत्ता देने के लिए चुनाव की देखरेख भी करेगी.
बांग्लादेश में एकमात्र हिंदू बिधन रंजन रॉय ने शपथ नहीं ली वह हिंदुओं पर हमले से दुखी हैं.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले से चिंतित अंतरिम सरकार में एकमात्र हिंदू बिधन रंजन रॉय ने शपथ नहीं ली. बताया गया कि ढाका में न होने की वजह से वह शामिल नहीं हो पाए, जबकि खबरें ये भी हैं कि रंजन हिंदुओं पर हमले से दुखी हैं और मौजूदा अंतरिम सरकार को अमेरिकी प्रभाव वाले सरकार के तौर पर देखते हैं, इसलिए जानबूझकर शपथ लेने नहीं आए. बता दें कि बांग्लादेश से शेख हसीना के जाने के बाद मंगलवार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद भंग कर दी थी, जिसके बाद अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया था.
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