हज कमेटी के अधिकारी रिश्वत लेते हैं, असदुद्दीन ओवैसी ने की सीबीआई जांच की मांग.
लोकसभा में मंगलवार (6 अगस्त) को AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हज कमेटी में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. ओवैसी ने सदन में जोर देकर कहा कि हज कमेटी में गंभीर भ्रष्टाचार चल रहा है और इसकी निष्पक्ष जांच के लिए CBI जांच होना चाहिए. ओवैसी ने जोर देकर कहा कि हज यात्रियों के अधिकारों और उनके पैसे की सुरक्षा के लिए यह जांच जरूरी है.
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हज कमिटी के सीईओ की बहाली का एडवर्टाइजमेंट 3 नवंबर 2023 को दिया गया था, लेकिन इसके बावजूद किसी भी स्थायी सीईओ की बहाली न किए जाने की वजह से अधिकारी भष्ट्राचार में लिप्त हैं. ये अधिकारी हज पर जाने वाले लोगों के लिए खराब व्यवस्था देते हैं.”
- हज कमिटी के अधिकारी हज यात्रियों से पैसे लेते हैं, जिसका प्रावधान नहीं है.
- हर वर्ष दुनिया भर के मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं,
- हज कमिटी पहली बार यात्रा पर जाने वालों को प्राथमिकता देती है,
हज कमिटी के अधिकारी हज यात्रियों से पैसे लेते हैं, जिसका प्रावधान नहीं है.
‘AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “स्थायी सीईओ नहीं होने की वजह से हज कमिटी के अधिकारी हज यात्रियों से पैसे लेते हैं, जिसका प्रावधान नहीं है. प्राइवेट टूर ऑपरेटर्स का लाइसेंस रिन्यू नहीं किया जाता है, जब तक वे रिश्वत के तौर पर प्रति हाजी 1-1 लाख रुपये नहीं दे देते हैं.” ओवैसी ने लोकसभा में कहा, “मैं सरकार से मांग करता हूं कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच की जाए ताकि प्राइवेटर टूर ऑपरेटर्स को भष्ट्राचार से बचाया जा सके.”
Barrister @asadowaisi ne Lok Sabha mein zaroori awami masail ke doran kaha ke #HajCommittee mein corruption ki wajah se #India ke hajiyon ko #Haj ke doran bohot si mushkilat ka samna karna pada. Unho ne Haj Committee ke corruption ki #CBI enquiry ki demand ki.#AIMIM… pic.twitter.com/Zd1IRYRd4g
— AIMIM (@aimim_national) August 6, 2024
हर वर्ष दुनिया भर के मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं,
हज एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है किसी स्थान के लिए इरादा करके निकलना. दुनिया भर के मुसलमान हज के लिए सऊदी अरब जाते हैं, जहां वे काबा की परिक्रमा करते हैं. हज पर जाने के लिए कई नियमों का पालन करना होता है, और न्यूनतम उम्र 12 साल होनी चाहिए.
हज कमिटी पहली बार यात्रा पर जाने वालों को प्राथमिकता देती है,
हज पर जाने के लिए हज कमिटी में आवेदन करना पड़ता है. इसके लिए पासपोर्ट साइज फोटो, कोरोना महामारी के बाद से वैक्सीन सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, और पासपोर्ट की आवश्यकता होती है. हज कमिटी पहली बार यात्रा पर जाने वालों को प्राथमिकता देती है, साथ ही बुजुर्गों, दिव्यांगों, और महिलाओं को भी प्राथमिकता मिलती है. हज यात्रा के लिए लगभग तीन से चार लाख भारतीय रुपये खर्च होते हैं.
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