जम्मूकश्मीर हिन्दू देश पर पाकिस्तान की सेना, वहाँ की लोग, पशतून, पठान ओर काबाइली लोगों के साथ मिलकर 22 अक्तूबर 1947 को आक्रमण कर दिया था।

1
Spread the love

जम्मूकश्मीर के इतिहास मे एक भयानक ओर काला दिन 22 अक्तूबर हे, जब इस हिन्दू देश पर 14 अगस्त को बने एक नये नये मुस्लिम देश ने आरक्रामण कर दिया था। पाकिस्तान अकेला नहीं था उसकी सेना ओर पशतून पठान ओर कबीलाई लोग भी थे, पाकिस्तान ने इस्लाम के नाम पर इन लोगो को भड़काया था ओर सीधा हमला बोला था। इनकी संख्या बहुत अधिक थी जिस कारण जम्मूकश्मीर हिन्दू देश की सेना इनके साथ मुक़ाबला नहीं कर पायी, ओर इन आक्रमणकारियों ने हजारों निहथे लोगो की निर्मम हत्या की। इन आक्रमणकरियों ने हिन्दू ही नहीं मुसलमानो सिखों की भी निर्मम हत्या की, इनहोने अन्धा युद्ध चलाकर इस देश के लोगो के साथ उनकी चल अचल संपत्ति को भी नष्ट किया। इन आक्रमणकारियों ने जम्मूकश्मीर हिन्दू देश के लोगो के गहने ओर कीमती समान भी लूट लिए,  चल अचल संपत्ति के साथ यहाँ की लड़कियों को भी उठाकर ले गए। विडम्बना देखिये की आज तक के इतिहास मे कहीं पर भी इसका वर्णन नहीं मिलेगा।

1300 से 1400 ईस्वी के बीच पहले मुस्लिम व्यकित शहमीर को शरण देने से जम्मूकश्मीर मे इस्लाम का आगमन हुआ था। 

जम्मूकश्मीर का इतिहास पढ़ें तो यह एक हिन्दू देश था ओर यहाँ पर 1300 से 1400 ईस्वी के आस पास शहमीर नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति को शरण दी गई थी। शहमीर सिंध स्वात से आया था जो वहाँ के राज परिवार से था ओर राजा बनना चाहता था परन्तु किसी कारण नहीं बन पाया ओर जो राजा बना वह इस शाहमीर की हत्या करना चाहता था। शाहमीर अपनी जान बचाकर कश्मीर मे शरण मांगने आया था, कश्मीर के राजा ने उसे शरण दी। कश्मीर के आस पास के देशों मे इस्लाम फेलना शुरू हो गया था, इसी कारण कश्मीर के राजा ने विचार किया की शहमीर इस्लाम धर्म का जानकार हे ओर राज परिवार से भी हे ओर भविष्य मे हिन्दू देश कश्मीर के साथ इस्लामिक देशो का ताल मेल रखने के काम आएगा। कश्मीर के राजा ने शाहमीर को अपने मंत्री परिषद मे स्थान देकर मंत्री भी बनाया, इस शाहमीर ने कुछ ही वर्षों मे छल ओर षड्यंत्र द्वारा कश्मीर का राज हथिया लिया। कुछ ही वर्षों के बाद यह शरण लेने वाला शाहमीर राजा बन गया ओर फिर इसने कश्मीर मे इस्लाम धर्म को बल द्वारा स्थापित करने का काम किया।

एक सौ एक वर्ष 1846 से 1947 तक हिन्दू राज था जम्मूकश्मीर मे ओर हिन्दू देशा था यह। 

करीब 1846 ईस्वी मे स्वर्गीय महाराजा गुलाब सिंह द्वारा जम्मूकश्मीर देश खरीदा गया ओर फिर से यहाँ हिन्दू राज फिर से शुरू हुआ, ओर इसका विस्तार हुआ जिसमे गिलगित बलोचिस्तान तिब्बत भी आता था। 1846 से 1947 तक इस देश मे डोगरा राज था, ओर डोगरा राज हिन्दू राजाओ का देश यह 101 वर्ष रहा। यदि हम इतिहास पढ़ें तो कहीं पर भी यह हमे पढ़ने को नहीं मिलेगा कि किसी मुसलमान पर अत्याचार हुआ हे, ओर जब हम शाहमीर ओर उसके द्वारा इस्लाम स्थापित करने की कोशिश का इतिहास पड़ें तो इसमे हिंदुओं पर बुरी तरहा से अत्याचार किए गए थे। विदेशों से इस्लाम धर्म प्रचारकों द्वारा बहुत कोशिश की गई थी की सभी हिंदुओं को मुस्लिम बनाया जाए।

22 अक्तूबर को पाकिस्तान सेना, पशतून ओर पठान काबाइलों ने आक्रमण किया था जम्मूकश्मीर हिन्दू देश पर। 

26 अक्तूबर 1947 के दिन अंतिम हिन्दू राजा महाराजा हरी सिंह ने जम्मूकश्मीर का विलय भारत के साथ कर दिया था, ओर इसके अलावा ओर कोई मार्ग नहीं था इस देश को बचाने का क्योंकि 22 अक्तूबर 1947 को पाकिस्तान की सेना वहाँ के लोग, पशतून, पठान कबीलों ने सीधा आक्रमण कर दिया था। पाकिस्तान की सेना ओर लोगों के साथ साथ पशतून, पठान कबीलों ने खुले आम मार काट ओर लूटमार मचा रक्खी थी, इनको रोकने के लिए महाराजा से डोगरा सेना असमर्थ थी। पाठकों ने यह कभी नहीं पढ़ा होगा की जम्मूकश्मीर के नागरिकों के साथ कितने अत्याचार हुए होंगे, यह अत्याचार फिर नहीं रुके फिर से 1990 मे पाकिस्तान ने अपने उग्रवादियों द्वारा जम्मूकश्मीर के हिन्दू नेताओं की निर्मम हत्याएँ कारवाई। व्यापारी ओर धनी हिन्दुओं को लूट लिया गया, मस्जिदों से घोषणा की गई की हिन्दू कश्मीर छोड़ कर चले जाएँ या फिर मरने के लिए तेयार रहें। हिन्दू लोगो के घरों के दरवाजों पर धमकी लिखे पोस्टर चिपकाए गए, हिन्दू लोगो की लड़कियों का बलात्कार कर आरी चीर दिया गया, इतना अत्याचार किया गए की हिन्दुओं को अपना सब कुछ छोड़ कर भागना पढ़ा।

विशेष : – मेने यह जो समपादकीय लिखा हे मे भी जम्मूकश्मीर का स्थायी नागरिक हूँ। 

यह भी पढ़ें।   

उदयनिधि स्टालिन का सनातन धर्म पर घोर आपत्तिजनक बयान, कहा इसका विरोध करना ही पर्याप्त नहीं इसको समाप्त किया जाना चाहिए। 

मित्रता दिवस, एक एसा व्यक्ति जो मित्र बनकर आपके जीवन मे सदेव साथ मे खड़ा रेहता हे।

मेरा परिचय।


Spread the love

1 thought on “जम्मूकश्मीर हिन्दू देश पर पाकिस्तान की सेना, वहाँ की लोग, पशतून, पठान ओर काबाइली लोगों के साथ मिलकर 22 अक्तूबर 1947 को आक्रमण कर दिया था।

  1. of course like your website but you have to check the spelling on several of your posts A number of them are rife with spelling issues and I in finding it very troublesome to inform the reality on the other hand I will certainly come back again

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *