जम्मू-कश्मीर बैंक में 5 करोड़ का घोटाला, पूर्व प्रबंधक समेत 5 गिरफ्तार।

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जम्मू-कश्मीर बैंक में 5 करोड़ का घोटाला, पूर्व प्रबंधक समेत 5 गिरफ्तार।
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जम्मू-कश्मीर बैंक में पांच करोड़ रुपये के बड़े ऋण घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने पूर्व बैंक प्रबंधक सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। यह घोटाला बंद पड़े निष्क्रिय खातों को धोखे से सक्रिय कराकर और फर्जी कर्मचारियों के नाम पर लोन लेकर किया गया।

जम्मू-कश्मीर बैंक के प्रबंधक ने दर्ज कराई थी शिकायत

वर्ष 2023 में जम्मू आंचलिक कार्यालय के पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण प्रभाग के मुख्य प्रबंधक मोहम्मद शकील ने इस घोटाले की शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम (IWMP) में संविदा पर तैनात रहे सलीम यूसुफ ने जेके बैंक की लसाना सुरनकोट शाखा में बंद पड़े खातों को धोखे से दोबारा सक्रिय करवा लिया।

फर्जी खातों का इस्तेमाल कर लिया लोन

सलीम यूसुफ ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर इन बंद पड़े खातों का इस्तेमाल करते हुए, पुंछ जिले की विभिन्न बैंक शाखाओं से पांच करोड़ रुपये के ऋण ले लिए। इसके लिए फर्जी वेतन प्रमाणपत्र और झूठे सरकारी दस्तावेजों का उपयोग किया गया।

फर्जी दस्तावेज बनाकर बैंक को दिया धोखा

क्राइम ब्रांच के प्रवक्ता के अनुसार, आरोपियों ने बैंक के अंदर सांठगांठ करके खातों में नाम बदलवाए और फर्जी वेतन प्रमाणपत्र व पुष्टि पत्र जारी करवा दिए। इन फर्जी कर्मचारियों ने खुद को सरकारी कर्मचारी बताकर पर्सनल लोन और कार लोन ले लिया।

बैंक शाखाओं में फर्जी सरकारी खाते भी खुलवाए

आरोपियों ने मेंढर और मेंढर बस स्टैंड स्थित बैंक शाखा में फर्जी सरकारी खाते भी खोल लिए। इसके बाद, इन खातों के माध्यम से ही बैंक से 5 करोड़ रुपये का ऋण जारी करवा लिया, जिससे बैंक को भारी नुकसान हुआ।

गिरफ्तार हुए आरोपी

क्राइम ब्रांच ने गहन जांच के बाद पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है:

  1. जतिंदर सिंह – तत्कालीन बैंक प्रबंधक, राजोरी शाखा (अब पदावनत) निवासी जम्मू
  2. मोहम्मद कबीर – निवासी पुंछ
  3. मोहम्मद जफीर खान – निवासी पुंछ
  4. जफर इकबाल – निवासी पुंछ
  5. मोहम्मद शकील – निवासी राजोरी

कैसे हुआ घोटाला?

  • आरोपियों ने पहले विभिन्न बैंकों के जरिए वाटरशेड समिति के खातों में पैसे जमा करवाए।
  • फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बैंकों को निर्देश दिया गया कि इन खातों से फर्जी कर्मचारियों का वेतन जारी किया जाए।
  • बाद में, इन्हीं फर्जी वेतन प्रमाणपत्रों का उपयोग कर जेएंडके बैंक की कई शाखाओं से 5 करोड़ रुपये के लोन लिए गए।

क्राइम ब्रांच की जांच जारी

क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि इस घोटाले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी गहन जांच जारी है। यह पता लगाया जा रहा है कि घोटाले में और कौन-कौन शामिल हो सकता है और क्या बैंक के अन्य अधिकारी भी इसमें संलिप्त थे।

बैंक घोटाले पर उठ रहे सवाल

इस मामले के सामने आने के बाद बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था और लोन अप्रूवल प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बैंकों की मॉनिटरिंग मजबूत होती, तो इस तरह का घोटाला नहीं होता।

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